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औरत बिन सब निरर्थक पानी सब सूना आज सब बेकार है इंसान मानवता किरदार सार्थक जिंदा बेकार हिंदी कविता बहरूपिया प्यारी तेरे अब

Hindi मानवता बिन सब बेकार। Poems